Rajputana Status, Quotes, Attitude Shayari Hindi Collection

Rajputana Status, Quotes, Attitude Shayari Hindi Collection

Jai Rajputana ! Rajputana Shayari
राजपूत
ना दौलत पे नाज़ करते है ,
ना शोहरत पे नाज़ करते है ,
किया है भगवान ने “राजपूतो” के घर पैदा ,
इसलिए अपनी किस्मत पे नाज़ करते है..!!!
हजारों से भिङ गया क्षत्रिय अकेला पर
कभी डरा नहीं
शिर कट गिरे धरन पर पर कर्ज चुकाने से पहले
क्षत्रिय कभी मरा नहीं।
हौसलें हो अगर बुलंद तो मुट्ठी में हर मुकाम है,
मुश्किलें और मुसीबतें तो जिंदगी में आम है..
असली राजपूत
अन्य के लिए जो रक्त बहाये
मातृभूमि का जो देशभक्त कहलाये
गर्जन से शत्रु का तख़्त हिलाये
असुरो से पृथ्वी को विरक्त कराये
वही असली राजपूत कहलाये.!!
राजपूत की तलवार
जब तक माथे पर लाल रंग नहीं लगता ,
तब तक “राजपूत” किसी को तंग नहीं करता..!!
सर चढ़ जाती है ये दुनिया भूल जाती है,
के “राजपूत” की तलवार को कभी जंग नहीं लगता..!!!
महाराणा का भाला
कोई पूछे कितना था राणा का भाला
तो कहना कि अकबर के जितना था भाला
जो पूछे कोई कैसे उठता था भाला
बता देना हाथों में ज्यों नाचे माला
चलाता था राणा जब रण में ये भाला
उठा देता पांवों को मुग़लों के भाला
जो पूछे कभी क्यों न अकबर लड़ा तो
बता देना कारण था राणा का भाला
कतरा कतरा
कतरा कतरा चाहे बह जाये लहू बदन का,
कर्ज उतर दूंगा ये वादा आज मैं कर आया !!
हँसते – हँसते खेल जाऊंगा प्राण रणभूमि में,
ये केसरिया वस्त्र मैं आज धारण कर आया !!
राजपूत
जंग खाई तलवार से युद्ध नही लड़े जाते,
लंगडे घोड़े पे दाव नही लगाये जाते,
वीर तो लाखों होते है पर सभी महाराणा प्रताप नही होते ,
पूत तो होते है धरती पे सभी… पर सभी “राजपूत” नही होते..!!
राजपूत
ज़ुल्म की पहचान मिटा के रख दें राजपूत,
चाहे तो कोहराम मचा के रख दें राजपूत ,
अभी सूखे पत्तो की तरह बिखरे है हम राजपूत,
अगर हो जाये एक तो दुनिया हिला के रख दें राजपूत..!!!
राजपूत
सिंह जणे क्षत्राणी , जणे एक सपूत ,
जे उतारे कर्ज दूध रो अर बढावे मान , बाजे राजपूत !!
राजपूत की तलवार
राजपूत की आन-बाण-शान का प्रतीक है तलवार,
जीने का नया ढंग नया अंदाज सिखाती है ये तलवार,
सुंदर सजी हुई शानदार म्यान के अंदर रहकर भी,
वीरों के संग अर्धांगिनी सी विराजती है तलवार
रियासत
यूँ ही नहीं मिलती किसी को रियासत यहाँ ,
ये तो हुनर की है बात जो हमारे खूनमें मौजूद है.!!
इतिहास
प्यासी तलवारों को योद्धा रक्त पिलाने बैठे हैं ,
मेरे राजपूत शेर शिकार करने के लिए बैठे हैं !
दुखों का पहाड़ झुकाने सूरमा आज गंभीर बैठे हैं ,
मेरे वीर राजपूत इतिहास लिखने के लिए बैठे हैं !
क्षत्रिय
मर सकता हूँ मगर झुकना नहीं है मंज़ूर मुझे,
हाँ मैं ‘क्षत्रिय ’ हूँ, इस बात का है ग़ुरूर मुझे,
दंभ है पश्चिम तुझे, चुटकी में तोड़ देंगे हम,
हुंकार भर जो उठ गए, घमंड तेरा चूर है,
सांसों में मेरी संस्कृति है, वेद बहते ख़ून में,
पुराण-शास्त्र-उपनिषद, चेहरे का मेरे नूर है,
शत्रु
जो शत्रु की छाती चीरे धार अभी वो बाकि है,
सर काटे जो शत्रु का, तलवार अभी वो बाकि है,
कायरता न समझे गीदड़, हम शेरों की ख़ामोशी को,
जो पंजे से शत्रु के पेट को चीरे बघनख अभी वो बाकि है.!!!! जय भवानी
वीरों की दहाड़ होगी
क्षत्रियो की ललकार होगी ।
आ रहा है वक्त जब फिर , क्षत्रियों की सरकार
होगी ।
हर पापी का सर होगा और , क्षत्रियो
की तलवार होगी ।
फिर क्षत्रिय चमकेगा अब ,
*जय जय मां भवानी * की जय जयकार
होगी ।
बस – एक ही नारा एक ही नाम
जय राजपूताना
भूल गयी इतिहास कौम का, सिंहों की संतान!
जौहर और शाकों की धरती,जय जय
राजस्थान!!
भूल गया राणा प्रताप को, दुजा वीर चौहान!!
गौर और बादल को भुला,याद नहीं पन्ना का बलिदान !!
क्षात्र लहू से सिंचित धरा, का कण कण बड़ा महान!
भूल गयी इतिहास कौम का, सिंहों की
संतान।।
वीर पद्मिनी हाड़ी
राणी, मीरा का गुणगान!
शेखाजी की शान भूल गए,शेखा
की संतान !!
जयमाल पता भूल गए हम दुर्गा का बलिदान !
भूल गयी इतिहास कौम का,सिहों की संतान !!
सतियां और झुंझार खो रहे अपनी ही
पहचान।
पाबू तेजा और गोगाजी जिनका दुनिया करे बखान !!
भूल रामसा भटक रहे, हम निर्लज उनकी
ही संतान !
भूल गयी इतिहास कौम का,सिहों की संतान !!
हठी हमीर के हठ को भूले ,सांगां का
स्वाभिमान!
चेतक की स्वामिभक्ति को,भूले हल्दी का
मैदान!!
कुम्भा की करनी को भूले,भूले पुज्वन सा
बलवान!
भूल गयी इतिहास कौम का,सिंहों की संतान !!
दुल्ला भाट्टी याद किसी को,भूले
बीका रावल मान !
जोधा भूल अमर सिंह भूले,भूले गोगाजी चौहान!!
भोज सरीके पुर्वज भूले,भूले दुर्गादास महान !
भूल गयी इतिहास कौम का,सिहों की संतान !!
दुर्गाजी की भीष्म
प्रतिज्ञा,भूल गयी उनकी ही
संतान !
रामा पीर के पर्चे भूले,भूल गए हम गीता
का वो ज्ञान!!
राजपूती इतिहास गया तो, क्या रहेगा हिंदुस्तान !
भूल गयी इतिहास कौम का सिंहों की
संतान !!
किस और चला तो पथभ्रमित हो,सम्भल जरा नादान !
क्षात्र धर्म के पंच कर्मो से ही,बढे कौम का मान !!
भूल गयी इतिहास कौम का ,सिंहों की संतान!
जौहर और शाकों की धरती,जय जय
राजस्थान !!
@Jai Rajputana | Rajputana Shayari Hindi

Rajputana Shayari Latest Hindi Collection

राजपूत की समाधी
“दो दो मेला नित भरे, पूजे दो दो थोर
सर कटियो जिण थोर पर, धड जुझ्यो जिण थोर ” मतलब
एक राजपूत की समाधी पे दो दो जगह मेले लगते है, पहला जहाँ उसका सर कटा था और दूसरा जहाँ उसका धड लड़ते हुए गिरा था.
दशहत बनाओ तो शेर जैसी
वरना
खाली डराना तो कुत्ते भी जानते है
#राजपूत हो तो खूंखार होना चाहिये वरना खूबसूरत तो लड़िकयां
भी होती है !!
जिस दिन राजपूतों की सरकार बन गई ना तो..
अयोध्या में राम मन्दिर क्या.
पाकिस्तान में भी माँ भवानी का थान बना देगें
सोढा ना होय राज ने
तलवारे थाता काज।
पंचरंगी पाघडीये सोढो ओडखाय आज।
माँलण तारा रखोपा
ने संच्चियार ना होय द्वार ।
कोई ना बापनीय तेवड नथी के आवे सिमाडे पार ।
Public City कि ऊन आवारा लोगो को होती है,
जो बस Angrej बन के घुमते है
और हम बापू जहा खडे होते है,
Public City नही खुद Public Demand करती है !
ना हम केसरिया रंग छोड़ सकतेहैं
ना ही जीने का ढंग छोड़ सकते है
क्षत्रिय है हम
न ‪Attitude ए  दबंग छोड़‬ सकतेहै
न ही ‪#‎ जंग ए  Rajputana छोड़‬ सकते है
तलवार चली गयी होगी पर..
तजुर्बे नही गये हाथो से!!
तुम हथीयार लेकर भी हार जाओगे!!
@Jai Rajputana ! Rajputana shayari
दिल्ल का दरबार हो या GOVERNMENT की सरकार,
हमको कोई फर्क नहीं पड़ता
क्योंकि  हम उस राजघराने में पैदा हुए हैं
जहाँ हमारा नाम सुनकर बंदूके भी रिवर्स फायर ठोक देती हैं
बेटा ये बंदा किसी की सुनेगा नहीं
क्यूकी दरबार
ये कोई  नाम नहीं ख़ुद एक ब्राण्ड हैं.
जय माताजी।
रखते हैं ‪‎मूछो‬ को ताव देकर , यारी निभाते हैं जान देकर .
खौफ खाती है ‪‎दुनिया‬ हमसे, क्योंकि हम जीते है ‪‎शेरो‬ की दहाड़ लेकर .
आधुनिक युग में 2G 3G और 4G भी आ गए हैं
निकट भविष्य में 5G 6G. और न जाने कितने G. आयेंगे
परन्तु याद रहे भारत का काम “बन्ना जी” के बगैर नहीं चलेगा ।
जंगल के उसुल वही जानता है
जिनकी यारी हम जैसे शेरों के साथ होती है
हमारी Personality को पढ़ा मत करो दोस्त,
हमें समजने में तुम्हारी Dictionary कम पड़ जायेगी.
डरते तो हम किसि के बापसे भी नही,
बस साला ये #Respect नाम की चीज बीचमें आती है.
बॅाडर पे क्या खुब कहा हमारे एक जवान ने पाकिस्तानी जवान को
खुशनसीब। हो तुम जो। शेरों शिकार करते हो।
हमे तो रोज कुते मारने पडते है।
@Jai hind ! jai rajputana ! Rajputana shayari
maine बाईसा से बोला
बाईसा आप reply टाईम पर क्यु नही करते
बाईसा बोली
बन्ना हम आप को online देख कर ही घुँघट निकाल लेते हे
इसलिये reply भी लेट होते हे
पाकिस्तानियो के लिए दो लाइनें…
गीले चावल में थोड़ी शक्कर क्या गिरी,
वो भिखारी खीर समझ बैठे।
चंद कुत्तों ने पाकिस्तान जिन्दाबाद क्या बोला,
वो कश्मीर को अपनी जागीर समझ बैठे।
जमाने ने बन्ना के
उसूल तो बदल दिये
पर
रगों मे खून आज
भी वो ही है !!
हमारी शख्सियत का अंदाज़ा तुम
क्या लगाओगे गालिब..
हम जंगल मे नही है तो इसका मतलब
ये नही की हम शिकार करना भुल गये
सिधा ठोक देगे
बापू हाथ किसी का थामकर छोङते नहीँ…
वादा अगर किसी से करे तो तोङते नही..
अगर तोङ दे दिल कोई Bapu का,
तो बिना हाथ पैर तोङे छोङते नही
हम सल्तनत देख कर दोस्ती नहीं करते
और परिणाम सोचकर दुश्मनी नहीं करते !
जो राजपूत क्षत्रिय समाज के हित में चिंतन नहीं कर सकता,
वह कुँवर,सिंह,और राजपूत लगाना छोड़ दे
राजपुत सिर्फ नाम नहीं इक प्रतिक हे त्याग का ,
बलिदान का,निडरता का,कर्मठता का,विश्वास का,सुरक्षा का।।।
जय राजपुताना
जय महाराणा।।
गर हम कब्रिस्तान से भी गुज़रते है तो मुर्दे उठ
कर कहते है…
“जय माताजी की बना”
सर पे हे केसरिया साफा ‘
मुख पे हे सोने सी आभा’
जब हाथ मे लेते हैं तलवार
दुनिया करती है कोटि कोटि आभार !
किसी‬ ने ‪मुझ‬ से ‪कहा‬ ‪बहुत‬ ‪खुबसुरत‬ status‬ ‪लिखते‬ हो Banna,
मेने कहा #खुबसुरत वो‬ baisa‬ ‪हे‬ ‪जिसके‬ लिए ‪हम‬ लिखा‬ करते‬ है..
हाथ तो हम जोड़ते हैं सिर्फ मां भवानी  के  आगे
वरना हम राजपुत तो वह है जो मौत को भी घुंघरु पहनाकर अपने दरबार में  मुजरा कऱवा दे..!!
@Jai rajputana ! Rajputana shayari
जब हम सिंहासन पर बैठते हैं तो,राजा कहलाते है ,
जब हम घोङे पर सवार होते तो,योध्दा कहलाते है !
जब हम किसी की जान बचाते है तो,श्रत्रिय कहलाते है!
जब हम किसी को वचन देते है तो “राजपुत” कहलाते है !
जो मच्छर से डर जाता है,
उसका खून भी लाल होता है।
जो शेर से लड़ जाता है,
उसका खून भी लाल होता है।।
लेकिन एक अजब खून का
जलवा तो गजब पुत का होता है!!
जो मौत को भी ललकारे वो खून
राजपूत का होता है !
जमाने ने राजपूतो के
उसूल तो बदल दिये
पर
रगों मे खून आज
भी वो ही है.. ।।
झुंड मे रहने वालो आजमा कर
देखना कभी हमारी छाती पर फौलाद भी पिघलता है।
शेर सा जिगरा है “राजपूत”
हमेसा अकेला निकलता है।
गुलामी तो हम सिर्फ अपने माँ बाप की करते है .!!
दुनिया के लिये तो कल भी बादशाह थे और आज
भी..!!
@Jai Rajputana ! Rajputana Shayari

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Bisen Rajput